Skip to main content
                   आईना दिखाएगी 
ये दुनिया जब ज़ुल्म से भर जायगी ,
जब अच्छे इंसान की चुप्पी कुछ न बताएगी,

जब लड़ते है हम बुराईयो के खिलाफ,
फिर क्यू कर बुराई जीत पाएगी ,

सुनो, ऐ बुरा करने वालो,
जब जब बुरा करोगे इस समाज में,
हर सहाफी तेरा आईना बताएगी ,

तुम सहाफियो को यु मारकर ,
ये मत समझना की तेरी बुराई छिप जाएगी ,

जब जब सहाफियो मारोगे ,
फिर और सहाफ़ी आ जाएगी ,

बुरा करने वालो सुनो हमारी बात,
बुराई न कभी जीती है न कभी जीत पाएगी

तुम जब जब बुरा करोगे इस समाज में ,
ये सहाफी तेरा आईना दिखआएगी

Comments

Popular posts from this blog

मीडिया संस्था की प्रक्रिया और उनसे जुड़े एम्प्लॉय के हालात

आज तक ना जाने क्यों मुझे मीडिया फील्ड की प्रक्रिया समझ ही नही आती है। इस फील्ड का जितना बोल बाला बाहर से दिखाई देता है उतना अंदर से नज़र क्यों नहीं आता। बाकी फील्ड के मुक़ाबले अगर मीडिया फील्ड की तुलना की जाए तो ये उतनी मुझे उतनी बेहतर नहीं दिखाई दी।  जहां शुरुआती दौर में कोई अन्य संगठन अपने न्यू एम्प्लॉय को बाकायदा अच्छी सैलरी के साथ अच्छी ट्रेनिंग प्रोवाइड कराता है वहीं मीडिया फील्ड अच्छी सैलेरी तो छोड़िए ट्रेनिंग के नाम पर उसे यूँही कंपनी में छोड़ दिया जाता है। अगर उस शख्स में काबिलियत है तो वो देखते दिखाते सीख सीखा जाता है और नही है तो उसका करियर इस फील्ड के लिए फिर तो बर्बाद समझो...अक्सर ज़्यादातर इस फील्ड से जुड़े लोग अपनी फील्ड बदल लेते है पता है क्यों ? क्योंकि उन्हें वो ट्रेनिंग नहीं दी जाती है जो दूसरी कंपनिया अपने एम्प्लॉय को प्रदान करती है। कुछ इस वजह से भी अपनी फील्ड बदल देते है क्योंकि जो उस काबिल होते है उन्हें उनकी मेहनत के अनुसार मेहनताना नहीं दिया जाता। इसलिए तंग आकर वो उस फील्ड में चले जाते जहां उनका मन तो नहीं होता मगर उनकी मेहनत अनुसार मेहनताना मिल ही जात...